तो क्या होता, जो होठों पर गुनगुनाने की पाबंदी होती, नैनो पर बहकने की पाबंदी होती, सांसों को महकने की पाबंदी होती, तो क्या होता, जो धड़कन को बढ़ने की पाबंदी होती, आंखों को लड़ने की पाबंदी होती, चेहरे को पढ़ने की पाबंदी होती, तो क्या होता, जो यादों को भूलने की पाबंदी होती, बातों को बोलने की पाबंदी होती, रातों को टटोलने की पाबंदी होती, कोई बताए मुझे, तो क्या होता, एक कशमकश-ए-जवाब मिला मुझे, तो सब कुछ होता, मगर इश्क ना होता...